डूबने से हो रही मौतों की घटनाओं को बढ़ता देख चेता प्रशासन, आज आपदा प्रबंधन ने जारी किए सुझाव

बुलंदशहर: जनपद में पिछले कुछ दिनों में देखा गया हैं की डूबने से मृत्यु की घटनाए तेजी से बढ़ी हैं। बढ़ती गर्मी से राहत पाने के लिए घाटों, तालाब, पोखर, नदी और गंगा घाट आदि पर नहाने  के दौरान लोगों की मृत्य डूबने के कारण हो रही हैं। डूबने से हो रही मौतों की घटनाओं को बढ़ता देख चेता प्रशासन, आज जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जारी किए सुझाव।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जारी किए सुझाव

  • जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जनता से अपील की है कि खतरनाक घाटों, तालाबों, गड्डो के किनारे नहीं जायें और ना ही बच्चों को जाने दें। डूबते हुए व्यक्ति को धोती, साड़ी, रस्सी या बांस की सहायता से बचायें और तैरना नहीं जानते हैं तब पानी में नहीं जाए और सहायता के लिए पुकारे।
  • साथ ही बच्चों को स्वीमिंगपूल, तालाबों, तेज पानी के बहाव में जानें से रोके और बच्चों को पुल, पुलिया, ऊंचे टीलों से पानी में कूद कर स्नान करने से रोकें। नाव या नौकाओं में बैठतें समय लाइफ जैकेट अवश्य पहनें।
  • जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने डूबे हुए व्यक्ति को पानी से निकाल कर तत्काल प्राथमिक उपचार के लिए सुझाव दिए हैं कि सबसे पहले देखें कि डूबे हुए व्यक्ति के मुँह व नाक में कुछ फंसा तो नहीं है यदि है तो उसको निकाले। साथ ही नाक व मुँह पर उँगलियों के स्पर्श से जांच कर लें डूबेे हुए व्यक्ति की सांस चल रही अथवा नहीं। नब्ज साँस का नहीं पता चलने पर डूबे हुए व्यक्ति के मुँह से मुँह लगाकर दो बार भरपूर साँस दें व 30 बार छाती के बीच में दबाव दें तथा इस विधि को 3-4 बार दुहराए। ऐसा करने से धड़कन वापस आ सकती है और साँस चलना शुरु हो सकती है। साथ ही मूर्च्छा या बेहोशी आने पर पुनः साँस देने व छाती में दबाव देने की प्रक्रिया शुरू करें। उपरोक्त प्रक्रिया के बाद बचाए गए व्यक्ति को अविलम्ब नजदीकी डॉक्टर अथवा प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र पर ले जाएँ।
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