कैंसर (Cancer): लक्षण, कारण, इलाज और बचाव

कैंसर (Cancer): कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की कोशिकाएँ (cells) अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती है।
ये कोशिकाएँ कहीं की भी हो सकती है। मुँह में, हड्डियों में, आँत में, छाती में , खून में इत्यादि।

डॉ अनुज कुमार जो कि एक पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट है और Craniofacial Surgeon, ने सोशल मीडिया पर कैंसर बीमारी से लोगों को जागरूक करने के लिए आवश्यक सूचना पोस्ट की है।

उन्होंने बताया कि इसमें सबसे ख़तरनाक बात ये है कि ये शरीर के एक अंग से फैल कर दूसरे अंग को भी प्रभावित कर सकती है। टेक्निकल शब्दों में इसे हम metastasis कहते हैं।

कैंसर किस उम्र में हो सकता है वो कैंसर के type पर निर्भर करता है। कुछ कैंसर बच्चों में, कुछ बुजुर्गों में, कुछ पुरुषों में तो कुछ महिलाओं में ज़्यादा हो सकता है। इसलिए किसी भी उम्र के व्यक्ति इससे प्रभावित हो सकते हैं।

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कैंसर के कारण:

डॉ अनुज ने बताया कि हर तरह के कैंसर का कारण अलग अलग है और इसलिए कोई एक कारण बता पाना संभव नहीं। कुछ कैंसर तंबाकू की वजह से तो कुछ वायरस की वजह से हो सकते हैं। कई बार अगर एक ही जगह पर बार बार चोट या घाव बनता रहे तो वो भी कैंसर में तब्दील हो सकता है। कुछ कुछ कैंसर का सटीक कारण अब तक पता नहीं चला है।

कैंसर के इलाज

कैंसर की मुख्यत: इलाज की तीन विधि है।

  • दवाइयाँ जिसे कीमोथेरेपी कहते हैं।
  • रेडियोथेरेपी जिसमें कैंसर के cells को रेडिएशन की मदद से हटाया जाता है
  • सर्जरी जिसमें कैंसर से प्रभावित हिस्से को काट कर हटाया जाता है।

इलाज की पद्दति कैंसर के प्रकार पर और उसके स्टेज पर निर्भर करती है। अब कई उच्च तकनीक भी आ गई है जिसकी मदद से एडवास स्टेज में भी कैंसर को नियंत्रित किया जा सकता है।

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कैंसर से  बचाव

डॉ अनुज कुमार ने बताया कि कैंसर से बचाव के लिए नशे से दूर रहें, स्वस्थ्य खानपान रखें।
कैंसर को लेकर अंतिम सत्य ये है कि ये किसी को भी हो सकता है। बस इतना है कि अगर आपकी जीवन शैली स्वस्थ्य है तो आपको होने का ख़तरा थोड़ा कम हो जाता है।

तीन चीज़ों का विशेष ध्यान रखें

✅ कोई भी सामान्य लक्षण अगर काफ़ी दिनों से है तो उसे गंभीरता से लें। अगर आपका वजन लगातार कम हो रहा, मुँह में कोई घाव या सफ़ेद या लाल दाग कई दिनों से है, लंबे समय से पेट में दर्द रह रहा या stool में खून आ रहा तो ये सब चीज़ों को नज़रअंदाज़ ना करें।

✅ दूसरा की अगर सक्षम हैं तो कम से कम साल में एक बार डॉ से मिल कर चेकअप करा लिया करें। कई कैंसर ऐसे भी हैं जिसमें शुरुआती दौर में कुछ लक्षण नज़र नहीं आता। रूटीन टेस्ट में कई बार ऐसे कैंसर पकड़ में आ जाते हैं। अगर सक्षम नहीं हैं तो कम से कम लक्षण को नज़रअंदाज़ तो बिलकुल ना करें और नज़दीकी सरकारी अस्पताल में संपर्क करें।

✅ तीसरा कि अगर एक बार कैंसर पकड़ में आ गया तो कैंसर रोग विशेषज्ञ से मिल कर इलाज करायें। किसी भी ज़री बूटी से कैंसर का इलाज संभव नहीं है। उससे बस बीमारी बढ़ेगी।

डॉ अमित अनुज कुमार ने आगे लिखा कि कैंसर को लेकर सचेत रहें लेकिन ज़्यादा डरने की ज़रूरत नहीं है । ज़रूरत बस इसे लेकर जागरूक रहने की है।

नोटः यह जानकारी डॉ अनुज कुमार के ट्वीटर (एक्स) पोस्ट से ली  गयी है। वह Craniofacial Surgeon और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट हैं।

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