बुलंदशहर: कोर्ट में हाजिर न होने पर पुलिस और कोर्ट के रडार पर आए सदर विधायक प्रदीप चौधरी को हाई कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे मिल गया है। इस मामले में अब 30 जुलाई को अगली सुनवाई होगी।
भाजपा विधायक प्रदीप चौधरी के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट अनूपशहर द्वारा पांच बार एनबीडब्ल्यू जारी किए जा चुके हैं। इसी के चलते बीते दिनों न्यायालय द्वारा जिलाधिकारी और राज्य चुनाव आयुक्त को पत्र जारी करते हुए अभियुक्त प्रदीप चौधरी पर चुनावी सभा या सार्वजनिक सभा या चुनाव प्रचार करते हुए पाए जाने पर एसएसपी और थाना प्रभारी नगर को अवगत कराने के लिए कहा गया था, जिससे न्यायालय के आदेशों का अनुपालन हो सके। लेकिन उसके बावजूद भाजपा विधायक द्वारा 19 अप्रैल को शिकारपुर कोतवाली क्षेत्र में आयोजित हुई मुख्यमंत्री की चुनावी सभा में प्रतिभाग किया गया। जिस पर कोर्ट ने इसे अपने आदेशों की अवहेलना माना। इस पर तीन दिन पूर्व कोर्ट ने सख्त रूप अपनाते हुए कहा कि एसएसपी व स्थानीय अधिकारियों का आचरण न्यायालय के आदेशों की अवहेलना है। कोर्ट ने पुलिस की लापरवाही का संज्ञान लेते हुए कोतवाली प्रभारी शिकारपुर और कोतवाली प्रभारी नगर के खिलाफ दांडिक वाद का नोटिस जारी किया है।
अब विधायक के अधिवक्ता अमित चौहान ने बताया कि सिटी कोतवाली में विधायक प्रदीप चौधरी के खिलाफ साल 2022 में आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था, जिसमें एमपी एमएलए कोर्ट ने वारंट जारी किए थे। जिसके विरुद्ध विधायक ने उच्च न्यायालय में 482 सीआरपी के तहत याचिका दायर की, जिस पर उच्च न्यायालय ने स्टे देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। अब इस पर अगली सुनवाई के लिए 30 जुलाई की तिथि को नियत किया गया है।