बुलंदशहर: जनपद में तीन हजार कुंटल राशन घोटाले मामले में दर्ज हुई रिपोर्ट के 60 घंटे बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। बताते हैं रिपोर्ट में नामजद सत्ता पक्ष से जुड़े एक नेता के परिजन है जिस कारण गिरफ्तारी के प्रयास नहीं हो रहें है।
राशन माफिया ने लगभग तीन हजार क्विंटल राशन को बाजार में बेच दिया था। यह राशन तो सिर्फ जांच में सामने आया है, अगर जनपद में राशन वितरण की निष्पक्ष जांच हो तो ये घोटाला अधिक भी हो सकता है। जब राशन नहीं मिलने की शिकायतें हुई और मामला मीडिया में आया तो डीएम ने एडीएम प्रशासन प्रशांत कुमार की अध्यक्षता में ग्यारह अफसरों की टीम को जांच सौंपी। जिसमें राशन का गबन होने की पुष्टि हुई जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ कोतवाली देहात कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

हालांकि ठेकेदार की फर्म को ब्लैक लिस्ट करने के लिए संस्तुति करते हुए खाद्य आयुक्त को पत्र लिखा हैं।
सवाल यह है कि सरकारी राशन के गबन का मामला उजागर होने के बाद मुकदमा दर्ज होने पर भी नामजद आरोपियों की अभी तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है। इसमें नामजद आरोपियों में एक सत्ता पक्ष से जुड़े नेता के पिता भी नामजद हैं।
फिलहाल एडीएम प्रशासन द्वारा निष्पक्ष जांच की आम जनता में सराहना हो रही है।
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