मॉस्को: व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को 6 साल के कार्यकाल के लिए पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति पद की शपथ ली। यह शपथ ग्रहण कार्यक्रम मॉस्को के ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस में आयोजित हुआ। शपथ लेते ही वह जोसफ स्टालिन के बाद रूस में सत्ता के शीर्ष पर सबसे लंबे समय तक काबिज रहने वाले दूसरे नेता बन गए हैं।
बता दें कि 1999 से रूस की सत्ता पुतिन के हाथों में है। इस दौरान वे 2 बार प्रधानमंत्री और चार बार राष्ट्रपति रह चुके हैं। उनका यह कार्यकाल 2030 तक रहेगा। रूस में पुतिन को एक ऐसे नेता के तौर पर जाना जाता है, जिसने सोवियत संघ के बाद डूबती अर्थव्यवस्था को संभाला और रूस को वैश्विक चुनौतियों के बीच मजबूती दी। हालांकि, पुतिन पर यह आरोप भी लगते हैं कि उन्होंने रूस में अपने खिलाफ विपक्ष को पूरी तरह से खत्म कर दिया है।
राष्ट्रपति बनते ही जारी किया फरमान, परमाणु हथियारों से अभ्यास करे सेना
व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को राष्ट्रपति की शपथ लेते ही अपना पहला आदेश जारी कर दिया। पुतिन ने अपने पहले आदेश में सेना को परमाणु हथियारों से अभ्यास करने का हुक्म दिया। पुतिन ने यह फैसला यूक्रेन में नाटो सैनिकों की तैनाती की आशंका के मद्देनजर किया है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि युद्धाभ्यास में टैक्टिकल परमाणु हथियारों की तैनाती पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।