बुलंदशहर: एक तरफ शासन का आदेश है कि चुनकर आए जनसेवकों में महिला जनप्रतिनिधियों के स्थान पर अन्य परिजन या परिचित किसी भी कार्य में हस्तक्षेप नहीं करेंगे और ना ही किसी भी अधिकारी या कर्मचारी पर दवाब बनाएंगे।
शासन का आदेश सिर्फ देखने में ही अच्छा है और किसी भी स्तर पर देखा जाए तो महिला जनप्रतिनिधि अधिकांश स्वयं निर्णय नहीं ले पाती है बल्कि परिजन या परिचित के कहने पर सिस्टम चल रहा है।

इसका सबसे बड़ा उदाहरण कोई और नहीं अफसरों के मोबाइल फोन पर आने वाली काल डिटेल चेक करने पर खुद ही दिख जाएगा। ऐसा किसी भी क्षेत्र में देखा जा सकता है चाहे सरकार गांव की हो या नगर में या फिर जनपद में।
अब सवाल यह है कि आखिर शासन के आदेश का क्या मतलब निकाला जाए जिसका पालन दूर दूर तक नहीं हो रहा है इतना ही नहीं महिला जनप्रतिनिधि के साथ उनके परिजन या परिचित बराबर में बैठकर फाइल देखते हैं और अधीनस्थ को बुलाकर निर्देश तक देते हैं आएदिन ऐसी शिकायतें आती हैं और होता कुछ नहीं है जिससे शासन के आदेशों का पालन करना संभव नहीं हो रहा है।