आप लोगों ने पिछले कुछ दिनों में कई ऐसे वीडियो देखे होंगे जिसमें इंजेक्शन के ज़रिये तरबूज़े में रंग भरा जाता है। डॉ अनुज कुमार जो कि एक पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट है और Craniofacial Surgeon, ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि ऐसे मिलवाती रंगों से ना सिर्फ़ स्वास्थ्य ख़राब होता है बल्कि कैंसर तक का ख़तरा हो सकता है।

नकली तरबूज की पहचान करने के पांच तरीके
आइये आज जानते हैं कि कैसे सही तरबूज़े की पहचान की जा सकती है।
- 1) तरबूज के एक टुकड़े को आप काट लीजिए। उसके बाद कॉटन के सूखे कपड़े को तरबूज पर रगड़ें और देखें कि कॉटन का रंग तो नहीं बदल रहा। कॉटन यदि लाल रंग को हो जाए तो समझ लीजिए तरबूज में केमिकल मिला हुआ है।
- 2) असली तरबूज की पहचान करने का यह दूसरा तरीका है। इसमें तरबूज का एक टुकड़ा काटकर पानी में डाल दें। अब पानी के रंग को देखिए। अगर पानी का रंग लाल हो जाए तो तरबूज केमिकल से पका हुआ है।
- 3) कई बार तरबूज खाने पर उसका स्वाद अलग लगता है। ऐसे तरबूज अक्सर दिखने में तो लाल होते हैं, लेकिन खाने में इसका स्वाद बहुत कम मीठा होता है।
- 4) जो तरबूज़ जमीन पर उगाए जाते हैं,उनमें अक्सर दाग और पीले निशान होते हैं,जो उनके प्राकृतिक रूप से पकने की निशानी होती है। बाजार से खरबूजे खरीदते समय हल्के दाग वाले खरबूजे का चयन करें, क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से पका हुआ हो सकता है।
- 5) अगर तरबूज़ काटने में अंदर से खोखला निकले या कुछ ही समय बाद खराब होने लगे, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि उसे रासायनिक उपचार या इंजेक्शन की मदद से पकाया गया हो. प्राकृतिक रूप से पके खरबूजे लंबे समय तक ताजा रहते हैं और जल्दी खराब नहीं होते।